अक्सर लोगो की 30 वर्ष की उम्र के बाद गठिया और जोड़ो दर्द व सूजन की शिकायत होने लगती है और यह गलत खान-पान के कारण तकलीफ बढ़ भी सकती है। इसका एक कारण शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर जोड़ो के दर्द की समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं।
शरीर में यूरिक एसिड, प्यूरिन के टूटने से बनता है जो खून के माध्यम से बहता हुआ किडनी तक पहुंचता है। यूरिक एसिड, शरीर से बाहर, पेशाब के रूप में निकल जाता है। लेकिन, कभी – कभार यूरीक एसिड शरीर में ही रह जाता है और इसकी मात्रा बढ़ने लगती है। ऐसा होना शरीर के लिए घातक होता है। क्यों की यूरीक एसिडकार्बन, हाईड्रोजन, आक्सीजन और नाईट्रोजन तत्वों से बना यह यौगिक जो कि शरीर को प्रोटीन से एमिनो-अम्ल के रूप मे प्राप्त होता है। यह आयनों और लवण के रूप मे यूरेट और एसिड यूरेट जैसे अमोनियम एसिड यूरेट के रूप में शरीर मे उपलब्ध होता है। जो प्रोटीन अमीनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनाता है जब शरीर मे प्यूरीन न्यूक्लि-ओटाइडों टूट जाती है तब भी यूरिक एसिड बनता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के कारण
- भोजन के रूप मे लिए जाने वाले प्रोटीन प्युरीन और साथ मे उच्च मात्रा मे शर्करा का लिया जाना रक्त मे यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाता है।
- कई लोगों मे वंशानुगत कारणों को भी यूरिक एसिड के ऊंचे स्तर के लिए जिम्मेवार माना गया है।
- गुर्दे द्वारा सीरम यूरिक एसिड के कम उत्सर्जन के कारण भी इसका स्तर रक्त मे बढ़ जाता है।
- उपवास या तेजी से वजन घटाने की प्रक्रिया मे भी अस्थायी रूप से यूरिक एसिड का स्तर आश्चर्यजनक स्तर तक वृद्धि कर जाता हैं।
- रक्त आयरन की अधिकता भी यूरेट स्तर को बढ़ाती है जिस पर आयरन त्याग यानी रक्तदान से नियंत्रण किया जा सकता है।
- पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं या डायबिटीज़ की दवाओं के प्रयोग से भी यूरिक ऐसिड बढ़ सकता है।
- रेड मीट (लाल रंग के मांस), सी फूड, रेड वाइन, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक, मटर, पनीर, भिन्डी, अरबी,चावल आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
लक्षण
पैर और हाथों की उंगलियों अंगूठों के जोड़ो में हल्की हल्की चुभन जैसा दर्द, पैरों की उंगलियों, टखनों और घुटनों में दर्द हो तो इसे मामूली थकान की वजह से होने वाला दर्द समझ कर अनदेखा न करें यह आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का लक्षण हो सकता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के घरेलु उपाय
- चोबचीनी का चूर्ण : चोबचीनी का चूर्ण (यह आपको आयुर्वेदिक स्टोर या पंसारी की दुकान पर मिल जायेगा) आधा चम्मच सुबह खाली पेट और रात को सोने के समय पानी से लेने पर कुछ ही दिनों में यूरिक एसिड (Uric Acid) ख़त्म हो जाता है। यह उपाय बहुत ही कारगर है क्योंकि की यह आजमाया हुआ है।
- भरपूर फाइबर वाले फूड खाएं : अगर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा लगातार बढ़ती है तो आपको भरपूर फाइबर वाले फूड खाने चाहिए। दलिया, पालक, ब्रोकली आदि के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित हो जाती है।
- जैतून के तेल में पकाएं : आश्चर्य की बात है, लेकिन यह सच है। जैतून के तेल में बना हुआ भोजन, शरीर के लिए लाभदायक होता है। इसमें विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है जो खाने को पोषक तत्वों से भरपूर बनाता है और यूरिक एसिड को कम करता है।
- अश्वगन्धा : 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच अश्वगन्धा पाउडर को 1 कप गर्म दूध के साथ घोल कर पीने से यूरिक एसिड नियत्रंण में आता है।
- आंवला रस और एलोवेरा रस : आंवला रस और एलोवेरा रस मिश्रण कर सुबह शाम खाने से 10 मिनट पहले पीने से यूरिक एसिड कम करने में सक्षम है।
- बेकरी फूड न खाएं : बेकरी के फूड स्वाद में लाजबाव होते है लेकिन इसमें सुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके अलावा, इनके सेवन से शरीर में यूरिक एसिड़ भी बढ़ जाता है। अगर यूरिक एसिड कम करना है तो पेस्ट्री और केक खाना बंद कर दें।
- ज्यादा पानी पिएं : पानी की भरपूर मात्रा से शरीर के कई विकार आसानी से दूर हो जाते है। दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी का सेवन करें। पानी की पर्याप्त मात्रा से शरीर का यूरिक एसिड पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाएगा। थोड़ी – थोड़ी देर में पानी को जरूर पीते रहें।
- चेरी खाएं : चेरी में एंटी – इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी होती है जो यूरिक एसिड को मात्रा को बॉडी में नियंत्रित करती है। हर दिन 10 से 40 चेरी का सेवन करने से शरीर में उच्च यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित रहती है, लेकिन एक साथ सभी चेरी न खाएं बल्कि थोड़ी – थोड़ी देर में खाएं।
- भोजन में विटामिन सी लें : हर दिन ली जाने खुराक में कम से कम 500 ग्राम विटामिन सी जरूर लें। विटामिन सी, हाई यूरिक एसिड को कम करने में सहायक होता है और यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते निकलने में भी मदद करता है। विटामिन सी के स्त्रोत निम्बू, संतरा, मौसमी, आँवला आदि है।
bahut achi janakari