Uric Acid Ayurvedic Treatment

यूरिक एसिड (Uric acid) क्या है ?

यूरिक एसिड एक प्रकार का आम्ल है जो मूत्र मार्ग में उत्पन्न होता है। यह प्राकृतिक रूप से मांसाहारी खाद्य पदार्थों में मौजूद प्यूरीन नामक पदार्थ के विघटन से उत्पन्न होता है। यूरिक एसिड को शरीर के रक्त में बनाए रखने के लिए किडनी द्वारा निकाला जाता है

यदि यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाए और उसे ठीक से बाहर निकाला न जा सके, तो यह किडनी में या शरीर के अन्य अंगों में जमा होकर यूरिक एसिड के संगठनों का कारण बन सकता है, जिससे गठिया और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

यूरिक एसिड की कितनी मात्रा होनी चाहिए ?

रूप से, पुरुषों में यूरिक एसिड की मात्रा 3.4-7.0 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) और महिलाओं में 2.4-6.0 mg/dL के बीच होनी चाहिए। हालांकि, यूरिक एसिड की मात्रा व्यक्ति की आयु, लिंग, आहार, शारीरिक स्थिति, और अन्य कारकों पर निर्भर कर सकती है।

यूरिक एसिड बढने के कारण

यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  1. अत्यधिक मांसाहारी आहार: प्राकृतिक रूप से प्यूरीन नामक पदार्थ मांसाहारी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। यदि आपकी आहार में अत्यधिक मांस और मछली होती है, तो यह यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है।
  2. अतिरिक्त शराब पेय: अधिक मात्रा में शराब पीने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। शराब में पाये जाने वाले पदार्थ यूरिक एसिड की उत्पत्ति को बढ़ा सकते हैं और उसे शरीर से बाहर निकालने की क्षमता को कम कर सकते हैं।
  3. अतिरिक्त शरीरीय वजन: मोटापा यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है। मोटापे के कारण, शरीर में अधिक संचित फैट सेल्स होते हैं जो प्यूरीन को यूरिक एसिड में बदल सकते हैं और इससे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है।
  4. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि अधिक थायराइड हार्मोन, रक्त उच्चचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मेटाबोलिक सिंड्रोम, डायबिटीज़, गुत्थीरोग (गठिया), आदि यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकती हैं।
  5. थकावट और स्ट्रेस: लंबी अवधि तक थकान और अधिक स्ट्रेस यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकते हैं।

यदि आपको यूरिक एसिड की मात्रा में वृद्धि होने के लक्षण हैं, तो आप आयुर्वेदिक उपाय के माध्यम से इसे कम कर सकते है और कण्ट्रोल भी कर सकते है

यूरिक एसिड कम होने के नुक्सान

यूरिक एसिड की कम मात्रा (हाइपोउरिसीमिया Hypouricemia) होने पर कुछ नुक्सान यहां शामिल हो सकते हैं:

  1. किडनी स्टोन: यूरिक एसिड की कम मात्रा के कारण, यूरिक एसिड स्टोन (किडनी में पथरी) बनने का जोखिम बढ़ सकता है।
  2. रीटना संक्रमण: यूरिक एसिड की कमी के कारण, रीटना के पर्याप्त संरक्षण की क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे आंखों की संक्रमणों का खतरा बढ़ सकता है।
  3. न्यूमोनिया: यूरिक एसिड की कमी आंत्र में इंफेक्शन के खिलाफ संरक्षण की क्षमता कम कर सकती है, जिससे न्यूमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण) जैसी संक्रमणों का खतरा बढ़ सकता है।
  4. यूरोपैटी: यूरिक एसिड की कमी से शरीर में यूरोपैटी नामक अवसादिक पदार्थ बढ़ सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  5. न्य समस्याएं: यूरिक एसिड की कमी के साथ अन्य संबंधित समस्याएं शामिल हो सकती हैं, जैसे कि अधिक दर्द, रक्त संघटन, इंजेक्शन स्थान पर संक्रमण आदि।

यूरिक एसिड बढने के लक्षण

यदि यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ जाए, तो यह गठिया (जोड़ों का दर्द और संक्रमण), यूरिक एसिड स्टोन (किडनी में पथरी), मूत्राशय संक्रमण, मूत्र में सूजन, पेशाब में दर्द, पेशाब की समस्याएं (जैसे कि बार बार पेशाब आना), और अन्य उच्च यूरिक एसिड से संबंधित लक्षणों का कारण बन सकता है। यह लक्षण व्यक्ति के शरीर के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं और व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करते हैं। यदि आपको यूरिक एसिड से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, तो एक चिकित्सक से परामर्श लेना सुझावित है।

यूरिक एसिड के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाएं निम्नलिखित हो सकती हैं:

  1. गोक्षुरादि गुग्गुलु: इस आयुर्वेदिक दवा में गोक्षुरा, शुद्ध गुग्गुलु, अमलकी, शिलाजीत, और अन्य जड़ी-बूटियां हो सकती हैं। इसे यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने और मूत्र मार्ग की स्वच्छता को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
  2. पुनर्नवा गुग्गुलु: इस गुग्गुलु में पुनर्नवा, शुद्ध गुग्गुलु, नीम, गोक्षुरा, और दशमूल का छाल हो सकता है। इसे यूरिक एसिड को कम करने, जोड़ों के दर्द को कम करने, और किडनी के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
  3. पश्चिमोत्तास्तान गुग्गुलु: यह गुग्गुलु यूरिक एसिड के स्तर को कम करने और गठिया जैसी संक्रमण समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय कारगर साबित हो सकते हैं:

  1. प्रणायाम और योग: नियमित रूप से प्राणायाम और योग करना, जैसे कि अनुलोम-विलोम, कपालभाती, और भ्रामरी, शरीर के यूरिक एसिड स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
  2. पर्याप्त पानी पिएं: अच्छी मात्रा में पानी पीना, कम यूरिक एसिड स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
  3. सेब का सिरका: सेब का सिरका, जो मालिक एसिड सम्पन्न होता है, यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। रोजाना एक चम्मच सेब का सिरका गुनगुने पानी के साथ पिएं।
  4. अदरक और नींबू पानी: गर्म पानी में नींबू का रस और कद्दूकस किया हुआ अदरक मिलाकर पीना यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
  5. अन्नानास: अन्नानास में मौजूद ब्रोमेलेन से यूरिक एसिड को तोड़ने की क्षमता होती है। रोजाना अन्नानास खाने से यूरिक एसिड की मात्रा कम हो सकती है।
  6. सही आहार: यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए, उचित आहार लेना महत्वपूर्ण है।

    अधिकतम प्रकार के मीट, शराब, खाटे फल, मसूर दाल, मटर, बैंगन, पालक, फ्राइड फूड, और मिठाई से बचें। वनस्पति पौष्टिक आहार जैसे कि फल, सब्जियाँ, पूर्ण अनाज, और प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें।

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