आजकल, इटीपी जैसे रोग बहुत से लोगों को परेशान कर रहे हैं। इटीपी या इम्यूनो थ्रोम्बोसाइटोपेनिया एक ऐसी समस्या है जिसमें शरीर के रक्त में थक्का (प्लेटलेट्स) की संख्या कम हो जाती है जिससे रक्तस्राव से संबंधित विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आयुर्वेद में इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (ITP) को “रक्त पित्त” के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें शरीर के अंदर प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है जिससे रक्त की कोई भी रक्तस्राव से रुकावट आ सकती है। इसका कारण आमतौर पर शरीर के इम्यून सिस्टम के द्वारा शरीर में प्लेटलेट्स को नष्ट करने के कारण होता है। ITP एक रक्त प्रणाली विकार है जो ब्लड क्लॉटिंग को अस्थिर बनाता है। यह एक ऑटोइम्यून रोग होता है, जिसमें शरीर के रक्त में पायी जाने वाली थ्रॉम्बोसाइट्स की संख्या कम हो जाती है।
आईटीपी एक रोग है जिसमें शरीर के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की रक्त की क्लॉटिंग की क्षमता में कमी हो जाती है। यह रोग संभवतः शरीर के अंदर किसी अन्य समस्या के कारण होता है।
ITP के कारण:
इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
- शरीर के रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के खिलाफ थ्रॉम्बोसाइट्स का हमला
- सेल्फ-डेस्ट्रक्शन की वजह से थ्रॉम्बोसाइट्स की संख्या में कमी
- थ्रॉम्बोपोएटिन नामक प्रोटीन के अभाव से थ्रॉम्बोसाइट्स का असमय संग्रह होना
ITP के लक्षण:
- ITP के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- थकान और कमजोरी
- ज्यादा से ज्यादा सांस लेने में परेशानी
- चक्कर और भ्रम
- बुखार
- गांठों और पुरुषों में शारीरिक कमजोरी
- खून के स्राव में कमी से होने वाली त्वचा में लाल धब्बे या चकत्ते।
ITP के उपचार के लिए डॉक्टर आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं:
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (जैसे कि प्रेडनिसोलोन)
- इंट्रावेनस इम्यूनोग्लोबुलिन
- थेराप्यूटिक आर्टिकलेशन
आयुर्वेद में कई प्रकार की जडीबुटी द्वारा इसका उपाय किया जा सकता है ।
आयुर्वेद में आईटीपी के लिए शतावरी, अश्वगंधा, गोखरू और गुग्गुलु जैसी जड़ी बूटियों की सलाह देते हैं जो आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को स्थिर करती हैं और रक्त प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाती हैं।
अश्वगंधा – अश्वगंधा एक प्रकार का जड़ी बूटी है जो आपके शरीर की रक्त की क्लॉटिंग की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा अश्वगंधा आपके रक्त के अल्प तत्वों को बढ़ाने में भी मदद करता है।
शतावरी – शतावरी एक प्रकार की जड़ी बूटी है जो आपके रक्त की क्लॉटिंग की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा शतावरी आपके शरीर की ओज को बढ़ाने में भी मदद करता है।
अमलकी (आवला) का सेवन – अमलकी या आवला रक्त प्लेटलेट्स के उत्पादन में मददगार होती है। इसलिए, इसे अपने आहार में शामिल करना बेहद फायदेमंद हो सकता है।
आवला रस को पानी में मिलाकर पीने से इसके गुणों को अधिक से अधिक प्राप्त किया जा सकता है।
आयुर्वेद में इम्यूनोलॉजिकल थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (ITP) के लिए कई प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं।
इसके लिए, अपने आहार में प्रतिदिन लहसुन, अदरक, गुड़, मुनक्का, अंजीर, किशमिश, अमरूद, आंवले जैसे पोषक तत्वों को शामिल कर सकते हैं।
साथ ही, आप योग और आयुर्वेदिक दवाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा, प्रतिदिन एक गिलास गुड़ वाला दूध पीने से आपके शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है और रक्त प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाती है।