बवासीर क्या होती है? / What is Piles (Hemorrhoids) ?             

   आज के समय में, स्वास्थ्य समस्याओं की संख्या बढ़ रही है। लोग पाइल्स जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। पाइल्स से पीड़ित बहुत से लोग समस्या के बारे में डॉक्टर के पास जाने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं। यह देखा गया है कि बवासीर पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है।

बवासीर में गुदा या निचले मलाशय के आसपास की नसें सूज जाती हैं।
गुदा नहर (Anal canal ) बड़ी आंत का अंतिम भाग है जो लगभग 4-5 सेमी लंबा होता है। यह मलाशय और गुदा के बीच स्थित होता है। गुदा नहर (Anal canal ) के निचले हिस्से में बाहर की ओर खुलता है जिसे गुदा (anus) कहा जाता है जो मल को बाहर निकालता है। इसकी भीतरी परत में छोटी रक्त वाहिकाएं (small blood vessels) होती हैं। निचले मलाशय (rectum) के अंदर और आसपास और गुदा उद्घाटन के आसपास सूजन हो सकती है।
पाइल्स (Piles) को बवासीर (Hemorrhoids) के नाम से भी जाना जाता है। बवासीर द्रव्यमान, गुदा नहर में ऊतक के कुशन होते हैं – ये रक्त वाहिकाओं (blood vessels), समर्थन ऊतक (support tissue), मांसपेशियों और लोचदार फाइबर से भरे होते हैं।
ये कई अलग-अलग कारकों से उत्पन्न होते हैं जैसे गुदा नहर (Anal canal ) के आसपास आंतरिक या बाहरी नसों का बढ़ा हुआ दबाव, अनुचित आहार (improper diet), कब्ज (Constipation) और वंशानुगत (hereditary) आदि।

बवासीर के प्रकार / Type OF Plies पाइल्स को दो कैटेगरी में बांटा गया है

 

  1. आंतरिक बवासीर (Internal Piles)

यह बाहरी बवासीर की तुलना में सबसे आम है। यह गुदा के खुलने से 2-4 सेमी ऊपर होता है। ये आम तौर पर दर्द रहित होते हैं क्योंकि मलाशय में दर्द महसूस करने वाली नसें कम होती हैं।

  • ग्रेड 1 या प्रथम डिग्री (Grade 1 or First degree):-  ग्रेड 1 की बवासीर शुरुआती और  सामान्य होती  हैं। इसमें बवासीर के ऊतक गुदा नहर (Anal canal ) के लुमेन में उभार जाते हैं और गुदा नहर (Anal canal ) की अंदरूनी परत पर छोटी सूजन हो सकती है। इन्हें बाहर से देखा या महसूस नहीं किया जा सकता है।
  • ग्रेड 2 या सेकेंड डिग्री (Grade 2 or Second degree) :- ये बड़े होते हैं। जब आप शौचालय जाते हैं तो इसे आंशिक रूप से गुदा से बाहर धकेला जा सकता है लेकिन जल्दी वापस चला जाता है।
  • ग्रेड 3 या थर्ड डिग्री (Grade 3 or Third degree) :- ग्रेड 3 की समस्या में  टॉयलेट जाने पर मस्से बाहर आने शुरू हो जाते  है। आप एक या अधिक महसूस कर सकते हैं क्योंकि गुदा से छोटी मुलायम गांठ लटकती है। हालाँकि, आप उन्हें वापस गुदा में उंगली से धकेल सकते हैं।
  • ग्रेड 4 या फोर्थ डिग्री (Grade 4 or Fourth degree) :- ग्रेड 4 में मस्से बड़े हो जाते है जिसे ये गुदा से मास स्थायी रूप से बाहर निकल जाता है जो गुदा में वापस नहीं जा सकता। इस सतिथि में मस्से काफी बड़े हो जाते है।
  1. बाहरी बवासीर

यह गुदा नहर (Anal canal )के निचले हिस्से में होता है। यह दर्दनाक स्थिति है क्योंकि इसमें बहुत सारे तंत्रिका तंतु होते हैं जो दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं।

  1. आंतरिक- बाहरी (मिश्रित) पाइल्स

इस स्थिति में आंतरिक और बाहरी दोनों बवासीर एक साथ होती हैं।

बवासीर के लक्षण (Symptoms of Piles)

लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। कुछ मामलों में, बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को बवासीर के लक्षणों का एहसास नहीं हो सकता है।

पाइल्स के कुछ सामान्य लक्षण और लक्षण निम्नलिखित हैं:-

  • प्राथमिक लक्षण / Primary Symptoms
  1. शौच पर रक्तस्राव (Bleeding on defecation): शौच के दौरान या बाद में रक्तस्राव होता है।
  2. मस्से का आगे बढ़ना (Prolapse of pile mass) : यह बड़ी बवासीर में देखा जाता है और यह आमतौर पर शौच के समय होता है। आम तौर पर यह दर्द रहित होता है।
  • माध्यमिक लक्षण / Secondary Symptoms
  1. गुदा क्षेत्र में दर्द और खुजली।
  2. बलगम स्राव: बलगम स्रावी स्तंभ उपकला द्वारा निर्मित होता है।
  3. प्रुरिटस: बलगम के निर्वहन से त्वचा में जलन हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप प्रुरिटस होता है।
  4. कब्ज़।

बवासीर का निदान / Piles Diagnosis

रोगी के इतिहास और मलाशय की जांच के आधार पर बवासीर का निदान किया जा सकता है।
  • रोगी का इतिहास: इसमें बवासीर, मल त्याग और मल की उपस्थिति का पारिवारिक इतिहास शामिल है।
  • रेक्टल परीक्षा: रेक्टल परीक्षा में दो परीक्षण शामिल हैं: –
  • शारीरिक जांच – इसमें डॉक्टर दस्तानों वाली उंगली से मरीज के मलाशय की जांच करते हैं।
  • प्रोक्टोस्कोपी (एनोस्कोपी) – एक उपकरण का उपयोग प्रोक्टोस्कोप नाम से किया जाता है जिसका उपयोग मलाशय के अस्तर की जांच के लिए किया जाता है।

बवासीर की जटिलताएं / Complication in Piles

यदि बवासीर का इलाज नहीं किया जाता है तो यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है और बड़ी समस्या का लक्षण भी हो सकता है। सबसे आम समस्या है “स्ट्रेंगुलेशन (Strangulation)” इस का अर्थ है रक्त का शरीर में आपूर्ती का हो जाना। जिससे अत्यधिक दर्द हो सकता है और ऊतक मृत्यु (गैंग्रीन) हो सकती है। एक अन्य समस्या एनीमिया है जो बवासीर से पुरानी रक्त की हानि के कारण होती है जिसमें यदि आपके पास अपनी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं हैं, जिसके परिणामस्वरूप थकान और कमजोरी हो सकती है।

बवासीर के लिए आयुर्वेदिक अवधारणा / Ayurvedic concept for piles

आयुर्वेद में बवासीर को “अर्ष” कहा जाता है और इसमें सुई चुभने जैसा दर्द होता है। बवासीर को शुष्क और रक्तस्राव श्रेणियों में स्तरीकृत किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गुदा नहर (anal canal)  तीन प्रमुख शिराओं से घिरी होती है, जिन्हें समवर्णी, विसराजनी और प्रवाहनी कहते हैं। इन प्रमुख शिराओं के ठीक बाद एक बाहरी उद्घाटन होता है। गुदा नहर के अंदर बहुत अधिक खिंचाव होने पर ये नसें सूज जाती हैं और बाहर निकल जाती हैं। आयुर्वेद इसे पाचन विकार (Digestive disorder ) मानता है।

                 आयुर्वेद के अनुसार, तीन ऊर्जाओं (वात, पित्त और कफ) में से किसी एक के असंतुलन के परिणामस्वरूप कोई भी स्वास्थ्य जटिलताएं होती हैं। बढ़ा हुआ पित्त दोष पाचन समस्याओं का कारण बनता है जिसके परिणामस्वरूप जठरग्नि (पाचन अग्नि / digestive fire) और पाचन आंत में अमा (विषाक्त पदार्थ / toxins) का संचय होता है। ये विषाक्त पदार्थ पाचन आंत में गड़बड़ी पैदा करते हैं जो दस्त और पेट फूलने का कारण बनता है जो आगे चलकर वात दोष को बढ़ाता है।

यह गैर-रक्तस्राव (non-bleeding) (शुष्क / dry) यानी शुष्कर्ष या शौच के दौरान रक्तस्राव की स्थिति हो सकती है जिसे रक्तार्ष के रूप में जाना जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार तीन दोषों में से किसी में भी दोष के कारण बवासीर के विभिन्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है:

  • वात प्रकार का बवासीर : तीव्र दर्द और कब्ज महसूस होता है। ये ढेर सख्त और गहरे रंग के होते हैं।
  • पित्त प्रकार के बवासीर: यह बवासीर नर्म और लाल रंग की होती है। अन्य लक्षणों में अत्यधिक प्यास, बुखार, दस्त और रक्तस्राव शामिल हैं।
  • कफ प्रकार के बवासीर: ये बवासीर बड़े, मुलायम और सफेद रंग के होते हैं। पाचन संबंधी समस्याएं भी होती हैं।

पंचायुर्वेद में बवासीर का बवासीर का इलाज / Ayurvedic Treatment for Piles in Panchayurved

बवासीर का प्राकृतिक विकास सौम्य होता है लेकिन बवासीर समय के साथ खराब हो जाती है और इसका जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए। बवासीर के इलाज के कई तरीके हैं जिनमें दवाएं और सर्जिकल उपचार शामिल हैं। लेकिन आयुर्वेद बवासीर का सबसे अच्छा इलाज देता है। बवासीर के आयुर्वेदिक उपचार में दो चिंताएं होती हैं यानी पहले खराब पाचन अग्नि को बढ़ाना और फिर बढ़े हुए वात को कम करना (वातानुलोमन द्वारा कब्ज में मदद करना)।

                     पंचायुर्वेद बवासीर के इलाज के लिए पाइल्स हर्बल पैक जैसे कई  प्रभावी हर्बल उत्पादों का सर्वोत्तम संयोजन प्रदान करता है। ये हर्बल उपचार सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली जड़ी-बूटियों (Herbs & Roots) का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं और आयुर्वेद के सिद्धांतों (Principles Of Ayurveda) का सख्ती से पालन करते हैं। पंचायुर्वेद के ये सभी हर्बल उत्पाद  100 प्रतिशत शुद्ध, प्राकृतिक और शाकाहारी हैं। ये रसायन, योजक और परिरक्षकों से मुक्त हैं। ये उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं क्योंकि साइड इफेक्ट से मुक्त हैं

आयुर्वेद में कई ऐसी जडी बूट है जिस से बवासीर की समस्या को दूर किया जा सकता है और पंचायुर्वेद इन सभी जडीबुटी की गुणवत्ता वाली जड़ी-बूटियों उपयोग कर कैप्सूल, दानेदार  चूर्ण में विदंगा (एम्बेलिया रिब्स),अदरक की जड़ (ज़िंगिबर ऑफ़िसिनेल),पिप्पली (पाइपर लोंगम),हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला), बिभीतकी (टर्मिनलिया बेलेरिका), हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला),अमलाकी (एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस), हरिद्रा (करकुमा लोंगा), काली मिर्च (पाइपर नाइग्रम), छोटी हरड़ (टर्मिनलिया चेबुला), नागकेशर (मेसुआ फेरिया), कांचनार गुग्गुल कचनार की छाल (बौहिनिया वेरिएगाटा), आमलकी (एम्ब्लिका ऑफ़िसिनैलिस)आदि जड़ी-बूटियों के साथ मिश्रित किया जाता है जो अपच, भूख न लगना और बवासीर में गैस्ट्राइटिस की समस्या से राहत देता है मरीज़। इन जड़ी बूटियों में विरोधी भड़काऊ, एनाल्जेसिक, पाचन, एंटीसेप्टिक और रेचक गुण होते हैं। यह चूर्ण पुरानी कब्ज, जठरशोथ, भूख न लगना, अपच और शरीर के विषहरण में लाभकारी है। कैप्सूल आंतरिक और बाहरी दोनों बवासीर में फायदेमंद होते हैं। इन कैप्सूलों की जड़ी-बूटियाँ बवासीर से जुड़ी अपच, भूख न लगना और कब्ज आदि में प्रभावी परिणाम देती हैं। कैप्सूल सूजन, गुदा क्षेत्र और सिस्ट आदि में अतिरिक्त द्रव्यमान वृद्धि को कम करती हैं। कैप्सूल बवासीर से खून बहने, ढेर द्रव्यमान को कम करने और पाचन समस्याओं में भी फायदेमंद होती हैं।

25 thoughts on “Piles

  1. Anurag singh says:

    I have first stage of piles. Could you help me by adviced any medicine and how can I take that medicine.

    • Vaid Prakash says:

      Good Day Mr Anurag Singh, if you are facing 1st stage of piles, you can use 45 day herbal piles pack it will help to reduce your symptoms in first 5 days, after its start treating your problem internaly and naturally. Can you please share your contact number our expert will contact you on same & online consulation not chargeable

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    meri pragnancy k baad muje bavasir ki bahut dikat or pareshani ka samnaa karna pard raha hai pehle massa chota tha or ab ya badaa ho raha hai kya aap ke paas iska koi aisa ilaj hai jise ye jad se khatam ho jaye

  4. Md Riyaaz says:

    hume massey wali bavasir hai or kai saal lagh bahg 5 saal poorani hai kya in dva se ye bilkool thk ho skti hai humne apne ranchi mai doctor ko dikhya hai unho nai surgery kai liye btaya hai

    • Vaid Prakash says:

      Namashkar Md Riyaaz ji

      Jaisa aap apni pareshaani k baare me bataya hai hume, dekhe pehle baat to ye hai ki aap ki samsya ko kafi time ho gya hai or aap k paas k doctor nai aap ko operation k liye bhi keh diya hai, aap hume 1 moka de aap keval 45din ka course humse le or uske baad aap operation k liye nahi jaaye gye or uske baad aap k uper nirbhar karta hai aap aage ka course karna chahte hai ya nahi.

      humare dva 101% high quality jadi booti se banaai gayi hai or ye pichle 35 saal se hajaro logo ko unki bavasir, fissure or kooni, baadi mai bahut jald aaram dei chuki hai
      baki jankri k liye aap hume sampark kar skate hai

  5. Sudarshan says:

    maine ap ke dvara diya ye blog poora padaa hai or mai kuch janna chahta hu mujhe khoone bavasir hai 3 saal se kai jaga se illaj karwaya koi fark nahi hai jitna din dva karte hai utnee der asr rehta hai bataye kya aap ki dva se fark pade ga or kitne din mai teek hoga ya ye bhi vesay he result degi jab tak khaye gay tab tak uske baad fir vesi haalt ho jaye ge

    • Vaid Prakash says:

      Namashakar Sudarshan ji

      Jesa aap apne apne situation ke baare me bataya hai, Dekhe hum uske liye aap ki poore sahayta kare gye. Iske liye hume aap se kuch or jankaree chahiye agar aap ko humara update milta hai to aap hume is number per sampark kare 9041274026

  6. Kuldeep singh says:

    Sir me BHi is bimari s pareshan hu m mere fisher wala massa h jiska mene Elaj krvaya (opreshan kraya ) PR isse KOi fayda nhi hua ..Me fresh hora hu TB mere cut lg jate h jisse khun aata h jalan hoti h …Meri ye problem 7 sal s h jisse meri health down ho gyi h .me isse Kafi dikat hoti h …sir aap Iska Elaj bat aye..

    • Vaid Prakash says:

      Namshkar Kuldeep Singh Ji

      Aane jese apni problem ke bare mai bataya hai fissure wala massa hai, ye dono alag alag condition hai or inke alag alag lakhan hote hai.
      or aap nai jese bataya hai ki aap ko abhi motion k time per jada dikat ho rahi hai, aap ek baar hume ek baar 9041274026 is number per sampark kare. Call per behtar baat ki jaa sakte hai.

  7. Raju says:

    Shukriya Pancayurveda, mai apki medicine ka Istemal kar ke bohat khush hu, aur ab mai pehle se bohat acha feel kar raha hu, last 2 month se jo problem mujhe thi wo meri theek ho gayi apka bohat bohat shukriya.

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